trendingNow11842804
Hindi News >>ऐस्ट्रो
Advertisement

Tulsi ke upay: गुरुवार के दिन तुलसी के इन उपायों से चमकती है किस्मत, पैसों से भरी रहती है तिजोरी

धन प्राप्ति के लिए तुलसी के उपाय: तुलसी के पौधे की सुबह-शाम पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बने रहती है. ऐसे घर मे पैसों की तंगी नहीं रहती है. आज तुलसी के कुछ खास और आसान उपाय बताने जा रहे हैं.  

तुलसी के उपाय
Stop
Chandra Shekhar Verma|Updated: Aug 27, 2023, 06:20 AM IST

Tulsi Upay: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बेहद महत्व है. इसको काफी पवित्र और शुभ माना जाता है. यही वजह है कि अधिकतर लोग तुलसी के पौधे को अपने घरों में लगाते हैं. ऐसी मान्यता है कि तुलसी में मां लक्ष्मी वास करती हैं. तुलसी की रोजाना सुबह-शाम पूजा करने और जल अर्पित करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर खुशियों से भर देती हैं. ज्योतिष शास्त्र में तुलसी के पौधे के कई उपाय बताए गए हैं. इनमें से कुछ उपाय अगर गुरुवार के दिन कर लिए जाएं तो मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद मिलता है.

दूध

गुरुवार के दिन तुलसी के पौधे पर दूध अर्पित करने से धन-संपदा में वृद्धि होती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है. गुरुवार के दिन पीले रंग का कपड़ा लेकर मंदिर में जाएं और वहां तुलसी के पौधे के आसपास जो घास या दूब उगी हो, उसे रुमाल में लपेटकर उसे अपने घर में धन स्थान पर रख दें. घर में सुख-शांति बनी रहेगी.

सिंदूर

गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को कामिया सिंदूर और गुग्गुल की धूप देकर लाल वस्त्र में लपेटकर कुछ मुद्रा सहित तिजोरी में रख दें. धन की निरंतर वृद्धि होती रहेगी. गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र में चांदी की छोटी सी ढक्कन वाली डिब्बी में ऊपर तक नागकेसर और शहद भरकर उसे धन के स्थान में रख दें. आश्चर्यजनक तरीके से आपकी दरिद्रता दूर हो जाएगी.

पीपल

किसी भी माह में शुक्ल पक्ष के गुरुवार को पीपल के पांच पत्ते लेकर उन्हें चंदन से रंगकर नदी में प्रवाहित कर दें. पर्याप्त मात्रा में अचल संपत्ति प्राप्त होगी. गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र में गोरोचन को चांदी की डिबिया में रखकर उसे धूप दिखाकर एवं सिंदूर लगाकर अपनी तिजोरी में रख दें. कभी भी धन की कमी नहीं होने पाएगी. 

Raksha Bandhan: जानें कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन 30 या 31 अगस्त, ये रही पूरी पूजा विधि
Jaya Kishori: जया किशोरी ने बताई प्रेम की भाषा, सुनकर लोग उठे झूम

 

Read More
{}{}