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Surya Grahan पर खाने में डालने के लिए आज तुलसी के पत्ते तोड़ना है 'महापाप', ये है वजह

Tulsi Benefits: आज (मंगलवार को) शाम को होने वाले सूर्य ग्रहण के लिए सूतक काल शुरू हो चुका है. इस दौरान तुलसी के पत्ते आज तोड़ना वर्जित है. आइए जानते हैं कि इसकी वजह क्या है?

तुलसी के पत्ते आज तोड़ना वर्जित
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Zee News Desk|Updated: Oct 25, 2022, 06:58 AM IST

Sun Eclipse 2022: हिंदू धर्म में तुलसी (Tulsi) के पौधे का बहुत महत्व है. तुलसी को हिंदू धर्म में मां माना जाता है. हर शुभ काम में तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. जब भी भगवान का भोग लगाया जाता है तो उसमें तुलसी दल डाला जाता है. आज (मंगलवार को) सूर्य ग्रहण (Sun Eclipse) है और सूर्य ग्रहण के दिन सूतक काल से पहले खाने में तुलसी की पत्तियां डाली जाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज तुलसी की पत्तियां तोड़ना वर्जित है. अगर कोई ऐसा करता है तो उसको महापाप लगेगा. आइए जानते हैं कि इसके पीछे का क्या कारण है.

तुलसी की पत्तियां तोड़ने पर आज क्यों लगेगा महापाप?

भारत में सूर्य ग्रहण का समय आज शाम 4 बजकर 22 मिनट से 5 बजकर 41 मिनट तक रहेगा और इसके लिए सूतक काल लग चुका है. सूतक काल आज सुबह 4 बजकर 22 मिनट से शुरू हो चुका है. सूतक काल से पहले खाने में तुलसी की पत्तियां डाली जाती हैं, इसलिए आप अब तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़ सकते हैं. वहीं, 24 अक्टूबर को अमावस्या थी. इस दिन तुलसी की पत्तियां तोड़ने पर ब्रह्महत्या का पाप लगता है. वहीं, 23 अक्टूबर को रविवार था. रविवार को तुलसी का स्पर्श करना वर्जित है. मान्यता है कि रविवार को तुलसी की पत्तियां तोड़ने से महापाप लगता है.

खाने-पीने की चीजों में क्यों डालते हैं तुलसी?

बता दें कि खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालने के पीछे वैज्ञानिक कारण है. माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में उपस्थित किरणें नकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं. अगर इस दौरान आप खाना खुला छोड़ देते हैं या खाते हैं तो नकारात्मक प्रभाव आप तक पहुंच जाएगा. जान लें कि तुलसी की पत्तियों में पारा होता है. पारा पर किसी भी तरह की किरणों का प्रभाव नहीं पड़ता है. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान आकाश से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को तुलसी निष्क्रिय कर देती है और खाने की चीज नकारात्मक प्रभाव से बच जाती है.

(Disclaimer: ये स्टोरी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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