Shani ki Mahadasha ka fal: ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है. शनि बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं और अच्छे कर्म करने वालों को धन-दौलत, तरक्की, मान-सम्मान, सफलता और खुशियां देते हैं. साथ ही कुंडली में शनि की स्थिति भी बहुत मायने रखती है. यदि कुंडली में शनि अशुभ हो तो जातक को जीवन में बहुत कष्ट भुगतने पड़ते हैं लेकिन वह अच्छे कर्म करके इससे राहत पा सकता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की महादशा 19 साल चलती है. इस दौरान जातक को उसके कर्मों और कुंडली में शनि की स्थिति के मुताबिक फल मिलता है.
शनि की महादशा का फल
यदि कुंडली में शनि देव शुभ हों और व्यक्ति के कर्म अच्छे हों तो उस व्यक्ति को शनि की महादशा के दौरान राजा जैसा जीवन और सुख मिलता है. उसे इन 19 सालों में अपार धन-दौलत, तरक्की, ऊंचा मुकाम, शोहरत मिलती है. वहीं कुंडली में शनि अशुभ हो तो उसे धन हानि, बीमारी, तरक्की में बाधाओं, असफलता का सामना करना पड़ता है. उसे जमकर तनाव झेलना पड़ता है. रिश्तों में समस्या आती है. कुल मिलकार उसका जीवन कष्टों में बीतता है. ऐसी स्थिति में जातक को अच्छे कर्म करने चाहिए और शनि के प्रकोप से बचने के लिए कुछ उपाय कर लेने चाहिए.
शनि की महादशा के उपाय
- शनि की महादशा के दौरान जातक को नशे, नॉनवेज, गलत आचरण से दूर रहना चाहिए. सरकारी नियमों का पालन करना चाहिए. कभी भी महिलाओं, बुजुर्गों, असहाय और मेहनतकश मजदूरों का अपमान नहीं करना चाहिए. वरना शनि देव कठोर दंड देते हैं.
- महादशा के दौरान शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं. इसके बाद पेड़ की कम से कम तीन बार परिक्रमा करें. शनि देव के मंत्र का जाप करें. इससे लाभ होगा.
- शनिवार को जरूरतमंदों को काली उड़द, काली तिल, काले कपड़े, काले जूतों, काले छाते या पैसों का दान करें.
- शनि की महादशा के दौरान यदि करियर में समस्या आ रही है तो हर शनिवार सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और शाम को पेड़ के नीचे एक चौमुखी दीपक जलाएं. फिर शनि चालीसा का पाठ करें. किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं और खुद भी सात्विक भोजन करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)