Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को ग्रहों के न्यायाधीश कहा जाता है.जिस पर शनिदेव की नजर पड़ जाए, उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं. लेकिन शनिदेव जब मेहरबान होते हैं तो रंक को भी राजा बना देते हैं. 19 मई यानी ज्येष्ठ अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन शनिदेव का जन्म हुआ था. शनिदेव माता छाया और भगवान सूर्य के बेटे हैं.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि जयंती पर शोभन योग बन रहा है. इस दौरान वह अपनी स्वामित्व वाली कुंभ राशि में रहेंगे. इसके अलावा शश योग का भी निर्माण हो रहा है. वहीं मेष राशि में गुरु और चंद्रमा के साथ होने के कारण गजकेसरी योग भी बन रहा है. लिहाजा यह दिन और भी ज्यादा अहम हो गया है. इस दिन शनि देव की पूजा करने से ढैय्या, साढ़ेसाती और महादशा के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
आइए आपको बताते हैं कि शनि जयंती के दिन कृपा पाने के लिए आपको कौन से महाउपाय करने चाहिए.
शनि जयंती पर तेल, काले कपड़े, लोहे की चीजों का दान, छाता का दान करें. इसके अलावा उनको उदड़ दाल के लड्डू का भोग लगाएं.
इस दिन गरीबों को भोजन कराएं. इससे ढैय्या-साढ़ेसाती की समस्या से निजात मिलती है.
लेकिन शनि जयंती पर लोहा न खरीदें. लोहे से जुड़ी चीजें पहले ही खरीद लें.
शनि जयंती पर एक कांसे की कटोरी लें. उसमें सरसों का तेल और एक सिक्का डालें. फिर उसमें अपनी परछाई देखें.
फिर इसको किसी तेल मांगने वाले को या फिर शनि मंदिर में कटोरी समेत रखकर आएं.
पानी में नारियल प्रवाहित करें और कोई पुराना जूता चौराहे पर रख दें.
इन उपायों से शनि देव प्रसन्न होते हैं और पैसों से संबंधित परेशानियां दूर होती हैं.
धन संबंधी परेशानियां दूर करने के लिए आक के पौधे पर 7 लोहे की कीलें चढ़ाएं.
इसके अलावा लकड़ियों का दान श्मशान घाट में करें.
आप नाव की कील या घोड़े की नाल से बनी लोहे की अंगूठी भी मध्यमा उंगली में पहन सकते हैं.
शाम के वक्त पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं.
हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें. इससे शनिदेव के अशुभ फलों से मुक्ति मिलेगी.
बंदरों को केला, गुड़ा या काले चने खिलाएं. इससे आपका कर्जा उतर जाएगा.