Sarson ka Teil Chadane Ke Niyam: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव को न्यायकर्ता और दंड नायक के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि शनि देव की नाराजगी व्यक्ति को नाराज बर्बाद कर देती है. वहीं, अगर शनि की कृपा मिल जाए, तो व्यक्ति को रंक से राजा बनने में भी समय नहीं लगता. शनि की साढ़े साती और ढैय्या के दौरान भी व्यक्ति को शनि के प्रकोप से गुजरना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि वार के दिन शनि को प्रसन्न करने और उनके प्रकोप से बचने के लिए सूर्यास्त के बाद शनि की पूजा करने का विधान है.
शनि देव की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन सरसों का तेल चढ़ाया जाता है. साथ ही, पीपल के पेड़ के नीचे भी दिया जलाने की पंपरा है. ज्योतिषीयों का कहना है कि शनिवार के दिन सरसों का तेल अर्पित करते समय अगर कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए, तो व्यक्ति को पूजा का फल नहीं मिलता. साथ ही, शनि देव की नाराजगी का सामना भी करना पड़ता है. आइए जानते हैं शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाने का सही तरीका.
लोहे के बर्तन का करें इस्तेमाल
शनिवार के दिन शनि मंदिर के बाह प्लास्टिक की बोतल या फिर स्टील की कटोरी में सरसों का तेल मिलता है. जिसे लोग वहीं से खरीद कर शनि देव पर अर्पित कर देते हैं. इस तरह से तेल चढ़ाने से व्यक्ति को पूरा लाभ नहीं मिलता. इसके लिए सबसे अच्छा तरीका ये होता है कि लोहे के बर्तन में तेल लिया जाए और उसे शनि की प्रतिमा पर अर्पित किया जाए.
छाया दान करें
शनिवार के दिन शनिदेव को तेल चढ़ाते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि तेल में पहले अपना चेहरा देख लें और इसके बाद उसे कहीं मंदिर में रख दें. इस उपाय को करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के सभी संकट और दोष दूर होते हैं.
सफाई का रखें खास ख्याल
घर से बाहर तेल लेकर जाते समय इस बात का खास क्याल रखें कि वे पूरी तरह से साफ और स्वच्छ होना चाहिए. इसके साथ ही तेल को गंदे हाथों से न छुएं. घर में खाना बनाते समय भी इसका इस्तेमाल न करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)