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Shani In Kundali: कुंडली देखकर जानें कितने भाग्यशाली हैं आप, साढ़े साती में भी कुछ नहीं बिगाड़ पाते दंड नायक

Lucky People Kundali: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर ग्रह अपने निश्चित समय पर गोचर करता है. शनि इन ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है. शनि को राशि परिवर्तन करने में पूरे ढाई साल का समय लगता है. जानें ऐसे में कुंडली में शनि किस स्थिति में शुभ होता है.

 

फाइल फोटो
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shilpa jain|Updated: May 20, 2023, 10:34 AM IST

Astrology, Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. सभी ग्रहों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना गया है. शनि को कर्म फलदाता और न्यायकर्ता के नाम से जाना जाता है. लोगों को उनकी कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. अच्छे कर्म करने वालों को शुभ तो बुरे कर्म करने वालों को अशुभ फल की प्राप्ति होती है. जीवन में आ रही समस्याओं और परेशानियों के लिए शनि को ही जिम्मेदार माना गया है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कुंडली में शनि शुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. शनि के आशीर्वाद से व्यक्ति की जिंदगी रातों-रात बदल जाती है. वहीं, शनि के अशुभ होने पर व्यक्ति का जीवन परेशानियों से घिरा रहता है. आइए जानें शनि किन राशियों के लिए शुभ साबित होते हैं, इस दौरान इन जातकों को शनि की साढ़े साती और ढैय्या का बुरा प्रभाव पड़ता है.

इन राशियों पर नहीं होता शनि का असर

शनिदेव एक राशि से दूसरी राशि में जानें लगभग ढाई साल का समय लगाते हैं. ढाई साल इस अवधि को शनि ढैय्या के नाम से जाना जाता है. इस प्रकार शनि की अवधि साढे सात साल की होती है. शनि का ये दौर जीवन का सबसे मुश्किल दौर माना जाता है. इस दौरान व्यक्ति को कई तरह के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है.  मकर और कुंभ राशि पर शनि का स्वामित्व होता है वहीं, तुला राशि में उच्च के होते हैं. ऐसे में इन तीनों ही राशियों के जात कों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव नहीं पड़ता. इन्हें शनि की साढ़े साती का सामना नहीं करना पड़ता.

कुंडली ये स्थिति शनि के असर को करती है नाकाम

- अगर किसी जातक की कुंडली में पहले से ग्रह शुभ स्थिति में हैं, तो ऐसे में व्यक्ति पर शनि की साढ़े साती शुरू होने पर इनके अशुभ प्रभावों का असर कम हो जाता है. इस दौरान शनि देव की दृष्टि का ज्यादा असर नहीं होता. इस अवधि में व्यक्ति के काम में बाधाएं उत्पन्न नहीं होती और व्यक्ति को कार्य में सफलता प्राप्त होती है.

-  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में शनि तीसरे, छठे, आठवें और बारहवें भाव में होने पर शनि उच्च अवस्था में होते हैं. ऐसे में जातकों को शनि साढ़ेसाती की दुष्प्रभावों से नहीं गुजरन पड़ता. इस दौरान शनि इन्हें शुभ परिणाम प्रदान करते हैं.

- इतना ही नहीं, अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा मजबूती स्थिति में हैं, तो भी व्यक्ति के जीवन पर शनि की साढ़े साती का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता. बल्कि इन लोगों के लिए शनि शुभ फलदायी रहते हैं.  

शुभ फलों के लिए करें ये उपाय

- अगर आप कुंडली में शनि की स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन शनि देव की मूर्ति के सामने सरसों का तेल का दीपक जलाना लाभदायी रहता है.

- शनि के शुभ फलों की प्राप्ति के लिए शनिवार के दिन हनुमान जी की विधिवत पूजा करें. साथ ही, हनुमान चालीसा का पाठ करें और सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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