trendingNow11878480
Hindi News >>ऐस्ट्रो
Advertisement

Pitru Dosh: कैसे लगता है पितृ दोष? इन उपायों से पाई जा सकती है मुक्ति

पितृ दोष के लक्षण और उपाय: किसी जातक की कुंडली में अगर पितृ दोष हो तो उसकी तरक्की रुक जाती है. उसको धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और जीवन में समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं लेती हैं.  

पितृ दोष
Stop
Chandra Shekhar Verma|Updated: Sep 19, 2023, 01:44 PM IST

Pitra Dosh Upay: पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान लोग पिंडदान, तर्पण कर पितरों का प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. कुंडली में अगर पितृ दोष हो तो यह पक्ष इससे मुक्ति पाने के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है. इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय भी बताए गए हैं. हालांकि, पितृ दोष होता क्या है और यह लगता कैसे है, यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता होगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि पितृ दोष क्या है और इससे मुक्ति पाने के उपाय क्या हैं.

गलतियां

पितृ दोष जानी-अनजानी गलतियों के कारण उत्पन्न होता है. पूर्व जन्म के पापों के कारण या पितरों के श्राप के कारण भी कुंडली में पितृ दोष प्रकट होता है. जिस जातक की कुंडली में पितृ दोष हो तो उसके पिता को मृत्युतुल्य कष्ट का सामना करना पड़ता है. इंसान का भाग्य रुठने लगता है और तरक्की व धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. 

भाग्य भाव

किसी जातक की कुंडली में भाग्य भाव या धर्म घर क्रूर व पापी ग्रहों से पीड़ित हो जाए तो यह पूर्वजों की नाराजगी व अधूरी इच्छाओं की ओर इशारा करता है. इसके अतिरिक्त सूर्य और चंद्र यदि राहु या केतु से पीड़ित हो जाए तो भी पितृ दोष माना जाता है. 

उपाय

- सोमवती अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा करने के पश्चात् एक जनेऊ पीपल के पेड़ और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का उसी पीपल को दीजिए, फिर उस पेड़ की परिक्रमा करें. मिठाई अपनी सामर्थ्यनुसार पीपल को अर्पित कीजिए. परिक्रमा करते वक्त ‘ऊं नमों भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करते रहें. इसके बाद क्षमा प्रार्थना करें. 

- कौओं और मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाए गए लड्डू को हर शनिवार खिलाएं. 

-‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का प्रतिदिन एक बार माला जप करें, नाग पंचमी का व्रत रखें व नाग प्रतिमा की अंगूठी पहनें. 

-सूर्य अथवा चंद्र ग्रहण के दिन अनाज से तुला दान करना चाहिए ऐसा करने से लगा श्राप कम होता है. 

-पुष्य नक्षत्र को महादेव पर जल एवं दुग्ध चढ़ाएं तथा रुद्र का जप एवं अभिषेक करें या हर सोमवार को दही से महादेव का ‘ऊं हर- हर महादेव’ कहते हुए अभिषेक करें. 

-शिवलिंग पर तांबे का सर्प अनुष्ठान पूर्वक चढ़ाएं. साथ ही पितरों के मोक्ष के उपाय करें, श्राद्ध पक्ष में पितरों का श्राद्ध करें.

-कुलदेवता की पूजा अर्चना भी नित्य करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Read More
{}{}