Mauni Amavasya 2023 Date and time: माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इसका संबंध अध्यात्म से भी है. मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत रखना और पवित्र नदी में स्नान करना सारे पाप नष्ट करता है. खासतौर पर मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान करने का विशेष महत्व होता है. इस दौरान यहां माघ मेला भी चल रहा होता है. यूं कहें कि मौनी अमावस्या माघ स्नान की प्रमुख स्नान तिथि में से एक है. इस दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय करना भी बहुत लाभ देता है.
शनिश्चरी अमावस्या और खप्पर योग का संयोग
मौनी अमावस्या 12 जनवरी, शनिवार के दिन पड़ रही है. इस तरह यह शनिश्चरी अमावस्या होगी. इतना ही नहीं माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पूर्वाषाढ़ नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, हर्षण योग और चतुष्पद करण योग भी बन रहे हैं. साथ ही चंद्रमा मकर राशि में रहेगा, जो कि शनि की राशि है. ऐसे में शनिश्चरी अमावस्या पर त्रिवेणी स्थित नवग्रह शनि मंदिर में जाकर पूजा करना कई तरह के ग्रह दोषों को दूर करेगा. साथ ही शनि की अपार कृपा भी मिलेगी.
कुंभ राशि में शनि, सूर्य-शुक्र की युति
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा, शनि को न्याय का देवता और शुक्र को धन-लग्जरी, प्रेम देने वाला ग्रह बताया गया है. इस मौनी अमावस्या पर शनि की राशि कुंभ में शनि, सूर्य और शुक्र की युति बनेगी. 30 साल बाद ऐसा होगा जब मौनी अमावस्या के मौके पर शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में मौजूद होंगे. वहीं शनि, सूर्य और शुक्र की युति खप्पर योग बनाएगा. जो कि बहुत शुभ माना जाता है. दरअसल, शनि ग्रह मौनी अमावस्या से 4 दिन पहले 17 जनवरी को ही गोचर करके कुंभ में प्रवेश करेंगे.
मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय
मौनी शनिश्चरी अमावस्या और शनि की विशेष स्थिति के कारण इस दिन कुछ उपाय करना शनि देव की असीम कृपा दिलाएगा. इस दिन शनि से जुड़ी चीजों जैसे काले तिल, काला कंबल, उड़द आदि का दान करें. साथ ही शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक भी जलाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)