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Gayatri Mantra: जीवन में सफलता के शिखर पर पहुंचाता है गायत्री मंत्र का सटीक जाप, इन मर्यादाओं का ध्यान रखना है जरूरी

Gayatri Mantra Niyam: शास्त्रों में कहा गया है कि मंत्रों के जाप का फल तभी मिलता है, जब उसे पूरी निष्ठा और नियम के साथ किया जाता है. इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है. जानें नियमपूर्वक गायत्री मंत्र का जाप के फायदे.

 

फाइल फोटो
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shilpa jain|Updated: Jan 24, 2023, 04:11 PM IST

Gayatri Mantra Jaap Vidhi: धार्मिक ग्रंथों और वेद शास्त्रों में गायत्री मंत्र को बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली माना गया है. गायत्री मंत्र को लेकर ऐसी मान्यता है कि अगर विधिपूर्वक इस मंत्र का जाप किया जाए, तो व्यक्ति को जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. कहते हैं कि गायत्री मंत्र के जाप से शरीर निरोगी बनता है और व्यक्ति को शिक्षा  क्षेत्र में खूब सफलता और तरक्की मिलती है. कहते हैं कि इस मंत्र का जाप करने से बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगता है. शिक्षा ही नहीं बाकि अन्य क्षेत्र में भी व्यक्ति को सफलता हासिल होती है.   

ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि इस मंत्र का जाप अगर पूरी निष्ठा और नियमपूर्वक किया जाए, तो व्यक्ति की सभी मनोकामना जल्द पूरी हो जाती हैं. मानसिक शांति के साथ व्यक्ति को व्यापार या निजी जीवन में खुशियां हासिल होती हैं. कहते हैं कि अगर कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप नियमित रूप से किया जाना जरूरी है. वहीं, ऐसी भी मान्यता है कि अगर नियमों का ध्यान न रखा जाए, तो इसका उल्टा प्रभाव पड़ता है. आइए जानें गायत्री मंत्र के जाप के सही नियम और उपायों के बारे में.  

गायत्री मंत्र जाप के नियम

- ज्योतिष शास्त्र का कहना है कि गायत्री मंत्र का जाप करते समय तन के साथ मन भी स्वच्छ होना चाहिए. जाप के समय स्वच्छ और सूती वस्त्र धारण करें.

- अगर आप गायत्री मंत्र का जाप कर रहे हैं, तो इसे किसी गुरू या जानकार व्यक्ति मार्गदर्शन में ही करें. बता दें कि इस दौरान कुशा का आसन प्रयोग में लाना चाहिए.

- गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला के अलावा तुलसी या चंदन की माला का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. सुबह के समय जाप पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ कर ही करें.

- वहीं, अगर शाम के समय गायत्री मंत्र का जाप कर रहे हैं, तो पश्चिम दिशा की ओर मुख करके जाप करना चाहिए.  गायत्री मंत्र का जाप कोई भी कर सकता है. इस दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए.

गायत्री मंत्र के जाप की सटीक विधि

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना शुभ माना गया है.

- कहते हैं कि गायत्री मंत्र का जाप कभी भी ऊंचे स्वर में नहीं करना चाहिए. मौन रहकर इस मंत्र का जाप किसी भी समय किया जा सकता है.  

- ज्योतिषीयों का कहना है कि गायत्री मंत्र का जाप करते समय मंत्र के आगे और पीछो श्री का संपुट लगाना जरूरी है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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