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Ganesh Chaturthi 2023: आज विघ्नहर्ता के साथ शनि देव की पूजा का विशेष योग, करें पीपल के पेड़ जुड़ा ये उपाय

Ganesh Pujan On Chaturthi 2023: चैत्र माह की चतुर्थी इस बार 25 मार्च 2023 के दिन पड़ रही है. इस बार गणेश चतुर्थ के दिन शनिवार होने के कारण गणेश जी के साथ शनि देव की कृपा पाने का भी सुनहरा मौका मिल रहा है.

 

फाइल फोटो
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shilpa jain|Updated: Mar 25, 2023, 07:10 AM IST

Shani Puja Yog: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है. हिंदू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है. कहते हैं कि किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से की जाए, तो व्यक्ति के सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं. गणेश जी की कृपा पाने के लिए बुधवार के साथ चतुर्थी तिथि को भी खास माना गया है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर माह दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ करने और व्रत आदि रखने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. बता दें कि इस बार चैत्र शुक्ल की चतुर्थी तिथि 25 मार्च यानी की आज मनाई जाएगी. इस दिन शनिवार होने के कारण गणेश जी की पूजा के साथ शनि देव की पूजा का भी विशेष योग बन रहा है.

गणेश जी के साथ शनि की पूजा का विशेष योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन गणेश चतुर्थी के दिन खास योग बन रहा है. ये दिन विघ्न विनाशक और मंगलकारी गणेश जी को समर्पित है. कहते हैं कि इस दिन गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने से रिद्धि-सिद्धि और शुभ  लाभ की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि भगवान शिव के पुत्र होने के कारण गणेश जी के भक्तों पर शनि देव का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता.

इतना ही नहीं, गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है ऐसे में शनि के दुष्प्रभाव से आने वाली बाधाओं का व्यक्ति पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. इस दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए शनिदेव का तेल से अभिषेक अवश्य करें. साथ ही, पीपल के पेड़ में तेल का दीपक जलाएं. इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

गणेश जी की यूं करें पूजा

गणेश जी की पूजा के लिए बुधवार के दिन के साथ चतुर्थी तिथि को भी बेहद खास माना गया है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नना कर लें और व्रत का संकल्प  लें. इसके बाद भगवान गणेश को नए वस्त्र, जनेऊ, चंदन और दूर्वा घास आदि अर्पित करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को दूर्वा और मोदक बेहद प्रिय है. ऐसे में गणेश चतुर्थी पर इन्हें दूर्वा की 21 गांठें अर्पित करें.  साथ ही, मंत्र और आरती करने के बाद ही पूजा का समापन होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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