Billi Ke Shagun Apshagun: शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि बिल्ली राहु की सवारी है. खासकर काली बिल्ली को जीवन में होने वाले अच्छे और बुरे घटनाओं से जोड़कर देखा जाता है. कई लोगों को आपने यह कहते हुए सुना होगा कि अगर बिल्ली रात में रोती है तो कुछ अपशगुन हो सकता है. इसके अलावा कई बार जब बिल्ली रास्ता काट कर आगे निकल जाती है, तब उस रास्ते पर लोग आगे नहीं जाते हैं. आइए जान लेते हैं, आखिर इस मान्यता के पीछे क्या कारण है?
बिल्ली राहु की सवारी
पुराने मान्यताओं के अनुसार बिल्ली राहु की सवारी माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के जानकार राहु को अशुभ ग्रह की श्रेणी में रखते हैं. राहु शुभ कार्य में बाधा उत्पन्न करता है और उसे असफल बनाता है. इसीलिए माना जाता है कि जब बिल्ली रास्ता काट कर आगे निकल जाए, तो उस रास्ते पर नहीं बनना चाहिए वरना कोई बड़ी दुर्घटना आपके साथ हो सकती है. कई बार देर रात बिल्लियां रोने लगती हैं. बिल्लियों के रोने को अशुभ या अपशगुन से जोड़कर देखा जाता है. अचानक से बिल्लियों का बढ़ता हुआ रुदन किसी के अकाल मृत्यु का संकेत भी हो सकता है अथवा घर-परिवार पर आने वाले कोई घोर विपत्ति का यह संकेत होता है.
बिल्लियों का मंदिर
अगर आपको लगता है कि हर कोई बिल्लियों को लेकर ही सोचता है तो आप गलत हैं. क्योंकि कर्नाटक में बिल्लियों का एक मंदिर भी है. यह मंदिर मांड्या जिले से 30 किमी दूर बेक्का लेले गांव में मौजूद है. इस मंदिर में बिल्ली को देवी माता के रूप में पूजा जाता है. शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि अगर दिवाली के दिन बिल्ली घर में मल त्याग करके बाहर निकल जाए तो यह बेहद शुभ होता है और आर्थिक परेशानियों के खत्म होने का इशारा होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)