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Belpatra Astro Benefits: सारे वास्‍तु दोषों का तोड़ है यह शक्तिशाली पौधा! जान लें इसे घर में लगाने के जरूरी नियम

Bel Plant in Home: भगवान शिव को बेलपत्र बेहद प्रिय है. भोलेनाथ की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है. वहीं वास्‍तु शास्‍त्र के मुताबिक घर में बेल के पेड़ या पौधे का होना कई वास्‍तु दोष को खत्‍म कर देता है. 

फाइल फोटो
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Zee News Desk|Updated: Nov 18, 2022, 02:45 PM IST

Belpatra Astro Benefits: भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र के बिना अधूरी है. शिव जी को बेल का फल भी अर्पित किया जाता है. मान्‍यता है कि शिव जी को प्रसन्‍न करने के लिए बेल पत्र अर्पित करना सबसे अच्‍छा तरीका है. वहीं हिंदू धर्म के अलावा ज्‍योतिष और वास्‍तु शास्‍त्र में भी बेल पत्र को बहुत अहम माना गया है. वास्‍तु शास्‍त्र में तो यहां तक कहा गया है कि जिस घर में बेल पत्र का पेड़ या पौधा लगा हो, वहां के सारे वास्‍तु दोष खत्‍म हो जाते हैं. वहीं शिवपुराण के अनुसार जिस जगह पर बेल पत्र का पौधा हो, वह जगह तीर्थ के समान पवित्र और पूजनीय हो जाती है. इतने शुभ माने गए बेल पत्र के पौधे को घर में लगाने के ढेरों लाभ हैं. साथ ही इसे लगाने के कुछ जरूरी नियम भी हैं. 

घर में बेल का पौधा लगाने के लाभ 

- शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है. भगवान शिव के अलावा हनुमान जी को प्रसन्‍न करने में भी बेल पत्र उपयोगी है. 

- जिस घर में बेल का पेड़-पौधा लगा हों, वहां कभी भी गरीबी नहीं रह सकती है. ऐसे घर में हमेशा सुख-समृद्धि रहती है. इतना ही नहीं धन स्‍थान पर बेल पत्र रखने से घर में धन की आवक बढ़ जाती है. 

- बेल का पौधा जादू-टोने, नकारात्‍मक शक्तियों से बचाव करता है. जिस घर में बेल का पौधा हो, वहां से नकारात्‍मक शक्तियां दूर ही रहती हैं. 

- बेल का पौधा आसपास के माहौल को सकारात्‍मक ऊर्जा से भर देता है. इसके कारण लोग हमेशा प्रसन्‍न और सेहतमंद रहते हैं. 

- बेल का पौधा लगाना कुंडली में चंद्र दोष से निजात पाने का अच्‍छा उपाय है. 

बेल का पौधा लगाने के नियम 

यदि आर्थिक तौर पर समृद्धि पाना चाहते हैं तो बेल का पौधा लगाने के लिए सबसे अच्‍छी दिशा उत्तर-दक्षिण है. हमेशा ध्‍यान रखें कि बेल के पेड़ या पौधे के पास साफ-सफाई रहे. कभी भी चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि पर बेलपत्र नहीं तोड़ें. साथ ही बेलपत्र को कभी भी टहनी समेत नहीं तोड़ें. हमेशा भोलेनाथ को 3 बेल पत्र का डंठल ही अर्पित करें. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान भी बेल के पेड़-पौधे को न छुएं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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