trendingNow11839182
Hindi News >>ऐस्ट्रो
Advertisement

Nakshatra: इस नक्षत्र में पैदा हुए लोग डॉक्टरी को बनाते हैं पेशा, गलत संगत डालती है बुरा असर

Shatabhisha Nakshatra 2023: इस नक्षत्र के लोगों का मूड बहुत जल्दी बिगड़ जाता है. यह लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर अपसेट हो जाते हैं और क्रोधित होकर आक्रामक बर्ताव करने लगते हैं, इसलिए इन लोगों के लिए शांत रहना बेहतर उपाय है.

नक्षत्र
Stop
Shilpa Rana|Updated: Aug 24, 2023, 12:24 PM IST

Shatabhisha Nakshatra Which Rashi: शतभिषा का अर्थ है 100 चिकित्सक, 100 औषधियां या 100 चिकित्सकीय सेवा देने वाले. जीवन में जो रोग, दुख, कष्ट या पीड़ा है, उसको मिटाने के लिए दैवीय व्यवस्था में औषधि व उपकरण से सज्जित 100 चिकित्सकों के दल की रचना हुई है. तारामंडल में यह 24वां नक्षत्र है, जिसे शततारा भी कहते हैं. शततारा का अर्थ होता है 100 तारों वाला नक्षत्र. विद्वानों ने शतभिषा को वृत्ताकार माना है. एक ऐसा वृत्त जो भीतर से रिक्त या शून्य है. 

कुछ विद्वान इसे चमत्कारी कड़ा भी मानते हैं, जो चीजों के घेरे में हैं, उसमें एक रहस्य होता है और गोपनीयता छिपी होती है. शतभिषा नक्षत्र का देवता, जल, बादल व वर्षा के स्वामी वरुण हैं. शतभिषा नक्षत्र कुंभ राशि में पड़ता है, इसलिए कुंभ राशि वालों का यह नक्षत्र हो सकता है. यदि इस नक्षत्र वाला व्यक्ति डॉक्टर हो जाए तो वह बहुत ही योग्य बनता है और यदि डॉक्टर न भी हो सका तो चिकित्सा संबंधित ज्ञान में रुचि रखता है.  

शतभिषा नक्षत्र के लोगों का मूड बहुत जल्दी बिगड़ जाता है. यह लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर अपसेट हो जाते हैं और क्रोधित होकर आक्रामक बर्ताव करने लगते हैं, इसलिए इन लोगों के लिए शांत रहना बेहतर उपाय है. कई बार इनके अंदर बेवजह का संदेश यानी शंका करने का स्वभाव आ जाता है, जिसके कारण इन्हें परेशानियां उठानी पड़ती हैं. कोशिश करें कि अपने जीवन में अनावश्यक रूप से तनाव की स्थिति न पैदा करें. इस नक्षत्र के व्यक्तियों में कभी-कभी नशाखोरी व मादक पदार्थों के सेवन का दुर्गुण आ जाता है, जिसे लेकर इन लोगों को सचेत रहना चाहिए. इन लोगों को अपनी संगत पर विशेष ध्यान रखना होगा.  

उपाय

शतभिषा नक्षत्र की वनस्पति है कदम्ब का पेड़, भारत में यह अंडमान, बंगाल तथा आसाम में अधिक पाया जाता है, यह पेड़ बहुत जल्दी बढ़ता है. इसे राजकदम्ब और कदम्बिका आदि कई नामों से जाना जाता है. भगवान श्री कृष्ण कदम्ब के पेड़ के नीचे रहकर अपनी बांसुरी से मधुर धुन निकाला करते थे. इस पेड़ का जितना धार्मिक महत्व है, उससे कहीं अधिक महत्व लोगों की सेहत से भी जुड़ा हुआ है. आयुर्वेद में बताया गया है कि इसकी पत्ती, छाल और फल को समान मात्रा में लेकर काढ़ा पीने से डायबिटीज ठीक होता है. शतभिषा नक्षत्र में जन्म लेने वालों को कदम्ब का पेड़ लगाने के साथ ही उसकी खाद पानी आदि देकर सेवा करनी चाहिए.

Read More
{}{}